अब गर्मी के सार्वजनिक अवकाश में भी शिक्षकों को आराम नहीं मिलेगा , सरकारी शिक्षकों को होना होगा फिल्ड ड्यूटी में तैनात, हरियाणा के सरकार ने इस बार भी सरकारी स्कूलों के लगभग सभी शिक्षकों की छुट्टियों पर रोक लगा दिया है। “Teacher Summer Duty” के तहत अब सारे शिक्षक गर्मी की छुट्टियों में घर बैठ के आराम नहीं करेंगे, उसके वजाय उन्हें फील्ड ड्यूटी पर खड़ा किया गया है।
इस महत्वपूर्ण अभियान के दौरान शिक्षक को सबके घर-घर जाकर अन्य छात्रों को अपने नजदीकी सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए अच्छे से जागरूक करना है। इसका एक मुख्य उद्देश्य राज्य के लगभग सभी सरकारी स्कूलों में बच्चो का नामांकन बढ़ाना है, ताकि अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा की Importent से जुड़ सकें।
शिक्षा मंत्री का सख्त निर्देश: गर्मियों की सार्वजनिक अवकाश में भी शिक्षकों को निभानी होगी फील्ड ड्यूटी
हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा जी ने स्पष्ट कर दिया है, कि इस बार सभी हरियाणा सरकार के सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपनी पूरी छुट्टियाँ घर रहकर नहीं मना सकेंगे। उन्हें इस गर्मी की सार्वजनिक अवकाश के दौरान कम से कम दस से ग्यारह दिन फील्ड ड्यूटी में बिताने होंगे। इस समय वे दूर दराज के ग्रामीण और शहरी इलाकों में जाकर छात्रों के अभिभावकों से मिलकर और उन्हें अपने बच्चों को नजदीकी सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाने के लिए प्रेरित करने की कोशिश करेंगे। इस अभियान का एकमात्र मकसद साफ है — हरियाणा के सरकारी स्कूलों में गिरते नामांकन को रोकना और छात्र संख्या में “असाधारण वृद्धि लाना।
बेहतरीन प्रदर्शन पर सराहना और कमजोर स्कूलों को मिले दिशा निर्देश और सुधार की राह
हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने कुछ समय पहले ही 10वीं और 12वीं कक्षा के बोर्ड के परिणामों को लेकर एक रिव्यु बैठक बुलायी थी। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक जितेंद्र दहिया, जिला और खंड के शिक्षा अधिकारी, साथ ही काफी सारे स्कूलों के प्रधानाचार्य भी शामिल हुए। इस बैठक के दौरान उन दस स्कूलों के प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने इस बार शानदार रिजल्ट्स दिए हैं। साथ ही, उनके सफल अनुभवों को बाकी अन्य स्कूलों के साथ साझा करने पर और जोर दिया गया, ताकि प्रकासन में पिछड़ रहे संस्थानों को भी साफ़ दिशा और अधिक प्रेरणा मिल सके।
कमजोर प्रदर्शनी करने वाले स्कूलों को उन्नति की खुली छूट, अब होगा फोकस रिजल्ट्स पर
बैठक में जहां अच्छे प्रदर्शन करने वाले सभी स्कूलों की तारीफें हुई, वहीं पिछड़ने वाले दस स्कूलों के प्रधानाचार्यों को उनकी कमजोरियों के बारे में सीधे रूप से अवगत भी कराया गया। शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि इन स्कूलों को ऐसे संस्थानों से जोड़ा जाएगा जो शानदार परिणाम दे रहे हैं, ताकि उनके अनुभव और रणनीतियाँ एक दूसरे के साथ शेयर की जा सकें। इसका लक्ष्य यही है कि अगले वर्ष इन सभी 10 कमजोर स्कूलों के प्रदर्शन में अच्छा सुधार देखने को मिले।
हरियाणा बोर्ड परीक्षा परिणाम (2021–2024)
कक्षा 10वीं (HBSE)
वर्ष | कुल उत्तीर्ण प्रतिशत | सरकारी स्कूलों का परिणाम | निजी स्कूलों का परिणाम |
---|---|---|---|
2024 | 95.22% | 93.19% | 97.80% |
2023 | 65.43% | 57.73% | 75.65% |
2022 | 73.18% | 63.54% | 88.21% |
2021 | 100% (COVID के कारण) | 89.30% | 97.80% |
कक्षा 12वीं (HBSE)
वर्ष | कुल उत्तीर्ण प्रतिशत | सरकारी स्कूलों का परिणाम | निजी स्कूलों का परिणाम |
---|---|---|---|
2024 | 85.31% | 83.35% | 88.12% |
2023 | 81.65% | 80.66% | 83.23% |
2022 | 87.08% | 85.46% | 89.72% |
2021 | 100% (COVID के कारण) | 84.67% | 86.98% |
छात्रों को मिलेगा तैयारी का बेहतर ज़रिया, अब पुराने बोर्ड पेपर होंगे उपलब्ध
बोर्ड परीक्षा की तैयारी को और मजबूत बनाने की दिशा में हरियाणा शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शिक्षा मंत्री ने घोषणा की है कि छात्रों की और सहायता के लिए पिछले दस वर्षों के बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्र अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में मोहिया कराए जाएंगे। इस पहल का एकमात्र उद्देश्य छात्रों को परीक्षा के पैटर्न की अच्छी समझ देना और अभ्यास के लिए सटीक सामग्री प्रदान करना है, ताकि वे आत्मनिर्भर के साथ परीक्षा में अच्छी प्रदर्शन कर सकें।
अब सिर्फ अंकों की दौड़ नहीं, छात्रों की रचनात्मकता और विज्ञान सोच को भी मिलेगा मंच
सरकार अब शिक्षा को सिर्फ एकमात्र परीक्षा परिणामों तक सीमित नहीं रखना चाहती। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि छात्रों की वैज्ञानिक सोच और रचनात्मक क्षमताओं को और भी ज्यादा प्रोत्साहित करने के लिए राज्य और जिला लेवल पर विज्ञान प्रदर्शनियों का काफी अच्छा आयोजन भी किया जाएगा। इन आयोजनों का उद्देश्य छात्रों को नवाचार और अपने विचारों को सबके सामने लाने का अवसर देना है, जिससे उनमें आत्मविश्वास और खोज परख दृष्टिकोण विकसित हो सके।
गुणवत्ता और भागीदारी की ओर बढ़ता हरियाणा, शिक्षा सुधार की नई परिभाषा
हरियाणा अब शिक्षा को केवल औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक गुणवत्तापूर्ण और सहभागी व्यवस्था के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। इस गर्मी की सार्वजनिक अवकाश में शिक्षक घर-घर जाकर न केवल स्कूलों में नामांकन बढ़ाने का काम करेंगे, बल्कि छात्रों के अभिभावकों के मन में सरकारी स्कूलों के प्रति भरोसा भी दोबारा स्थापित करेंगे। साथ ही, शिक्षकों की प्रशिक्षण प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा, ताकि कक्षा में शिक्षण का स्तर भी वास्तविक रूप से और बेहतर हो सके।
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