Supreme Court ने कहा है कि जब कोई महिला माँ बनती है तो जो अवकाश उसे मिलती है, वो किसी की एहसान नहीं है, बल्कि उसका हक है, पहले Madras High Court ने बोला कि अगर तीसरा बच्चा हो तो महिला को छुट्टी नहीं मिलेगी, लेकिन Supreme Court ने इस बात को मानने से इनकार किया और उस फैसले को हटा दिया गया, अब तीसरे बच्चे पर भी महिला को मातृत्व अवकाश मिलेगा, Supreme Court का यह फैसला महिलाओं की इज्जत और उनकी सेहत के लिए एक बहुत ज़रूरी कदम है|
Supreme Court ने यह कदम को क्यों उठाया है
माँ बनना सिर्फ एक खुशी ही नहीं, जबकि एक काफी बड़ी जिम्मेदारी भी है, उस वक्त महिला को ज्यादा से ज्यादा आराम और देखभाल जैसे मानसिक शांति की काफी ज़रूरत होती है, अब ऐसा लगता है की कानून भी ये सब धीरे धीरे समझने लग गयी है, कि अब हर बच्चो के साथ माँ को ज्यादा से ज्यादा समय और बच्चे का पूरा अच्छे से ध्यान रखना चाहिए – चाहे वो बच्चा पहला हो या फिर तीसरा, अब सब महिलाएं बिना किसी चिंता के, अपने मातृत्व के इस समय को अच्छे से बिता सकती हैं।
Supreme Court का मातृत्व अवकाश मामला कहां से जुड़ा है.
सुनने में आयी है कि तमिलनाडु की एक महिला जो कि सरकारी नौकरी में थी, उसने अपने तीसरे बच्चे के जन्म होने पर काम से छुट्टी की मांग की थी। लेकिन मद्रास के हाई कोर्ट ने बोला कि मातृत्व अवकाश सिर्फ दो ही बच्चों तक मिलता सकता है, वह महिला पीछे नहीं हटी और उसने आगे जाकर Supreme Court में अपनी बात रखी, Supreme Court ने यह साफ कर दिया है कि माँ बनना किसी भी महिला के लिए एक मौलिक अधिकार है, इसके लिए अवकाश मिलना उसका हक बनता है – फिर चाहे वह पहला बच्चा हो या तीसरा।
Supreme Court ने इस मामले मई क्या कहा है
इस बारे पर Supreme court ने अपना फैसला सुनाते हुऐ यह कहा की जब कोई महिला माँ बनती है ,तो उसे छुट्टी मिलना उसका एक हक़ है। यह हक न तो किसी भी ऑफिस की मर्ज़ी पर चलेगा और न ही किसी भी और नियम के बहाने इसको कभी भी छीना नहीं जा सकता है, Supreme Court ने साफ साफ़ यह कह दिया है कि मां बनने पर अवकाश मिलना एक कानूनी अधिकार है, जिसे कोई भी कंपनी या संस्था कभी मना नहीं कर सकती है ।
Supreme court के इस फैसले के बाद महिलाओं को तीसरे बच्चे पर भी छुट्टी मिल सकेगी। ये फैसला बहुत जरुरी है, क्योंकि इससे माँओं को आराम, समय और बच्चे के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा, अब महिलाएं बिना डर के अपना मातृत्व अवकाश का समय अच्छे से बिता सकेंगी।
मातृत्व अवकाश अब नौकरी के प्रकार पर नहीं टिका रहेगा:
अब मातृत्व अवकाश सिर्फ इस बात पर नहीं निर्भर रहेगा कि महिला किस तरह की जॉब कर रही है, Supreme Court ने साफ साफ़ कहा है कि चाहे कोई महिला पक्की परमानेंट नौकरी में हो, कॉन्ट्रैक्ट बेस पर हो या अभी ट्रायल बेस पर वर्क कर रही हो – माँ बनने पर हर महिला को छुट्टी मिलना उसका हक है।
माँ बनने के समय हर महिला को अपने और अपने होने वाले बच्चे की देखभाल व सुरक्षा के लिए वक्त चाहिए, और ये हक सबको बराबर मिलना चाहिए। यह फैसला इसलिए भी बहुत ज्यादा खास है, क्योंकि इससे हर महिला को इज़्ज़त, सम्मान और बराबरी का एहसास होता है, चाहे वो किसी भी पोस्ट या डिपार्टमेंट पर क्यों न हो। अब काम की जगह पर भी महिलाओं के साथ और ज्यादा अच्छे और समझदारी से पेश आने की उम्मीद है।
पहले से अब तक मातृत्व अवकाश का सफर:
समय | क्या-क्या होता था (और अब हो रहा है) |
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1961 में | मां बनने पर सिर्फ 12 हफ्ते की छुट्टी मिलती थी। उस वक्त इसे बहुत माना जाता था। |
कई सालों तक | कोई बदलाव नहीं हुआ। महिलाओं को आज भी वही 12 हफ्ते की छुट्टी मिलती रही – समय थमा सा लगा। |
2017 में राहत | सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया – छुट्टी बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दी गई, ताकि मां और बच्चा दोनों को वक्त मिल सके। |
गोद लेने पर बदलाव | अगर किसी महिला ने बच्चा गोद लिया है, तब भी उसे 12 हफ्ते की मातृत्व अवकाश मिलने लगी – एक स्वागत योग्य कदम। |
2024–2025 का नया फैसला | अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मातृत्व अवकाश सिर्फ नौकरी का हिस्सा नहीं, ये एक मौलिक अधिकार है। |
आगे क्या? | उम्मीद है कि आने वाले समय में तीसरे बच्चे पर भी छुट्टी मिलेगी, और मातृत्व अधिकार और भी मजबूत बनेंगे। |
ये छुट्टियाँ मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत दी जाती हैं, सरकार ने इसे 2017 से और बेहतर बनाया।

FAQ: मातृत्व अवकाश के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मातृत्व अवकाश में कितनी छुट्टी मिलती है ?
Supreme Court के आदेश के अनुसार अब मातृत्व अवकाश में पहले और दूसरे बच्चे के होने में 26 हफ्ते तक की अवकाश मिलेगी , और तीसरे बार माँ बनने पर लगभग 12 हफ्ते तक की छुट्टी मिलेगी।
मातृत्व अवकाश कब ली जा सकती है छुट्टी?
Supreme Court के हिसाब से बच्चा होने से पहले आप 8 हफ्ते तक अवकाश ले सकती हैं और बच्चे के जन्म के बाद 18 हफ्ते तक और अवकाश ले सकते है ।
अगर बच्चा गोद लिया हो तो मातृत्व अवकाश मिलेगा ?
Supreme Court के हिसाब से अगर 3 महीने से छोटा बच्चा गोद लिया है, तो आपको 12 हफ्ते की छुट्टी मिल जाएगी ।
अगर बच्चा सरोगेसी से हुआ हो तो?
ऐसी मां को भी 12 हफ्ते की छुट्टी दी जाती है।
डिलीवरी के बाद क्या आसानी होती है?
जिन कंपनियों में 50 से भी ज्यादा workers हों, वहां मां को वर्क फॉर्म होम करने की सुविधा मिल सकती है।
छुट्टी पाने के लिए जरूरी शर्तें क्या हैं?
महिला को उस कंपनी में कम से कम 80 दिन काम किया होना चाहिए।
छुट्टी के समय सैलरी मिलेगी या नहीं?
हाँ, छुट्टी के दौरान पूरा वेतन मिलता है।
यह छुट्टी माँ और बच्चे के पूरे परिवार और समाज दोनों के लिए भी जरूरी होती है। जब महिलाओं को ये हक़ मिलते हैं, तो वह आराम से सही हो सकती हैं और वापस काम पर लौटती सकती और मन लगा कर काम कर पाती हैं, इसके अलावा, अवकाश मिलने से माताओ का आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें काम पर ज्यादा सुरक्षित लगता है।
सामाजिक रूप से: ये छुट्टी माँ और बच्चे को एक-दूसरे के साथ समय बिताने मे मदद करती हे। बच्चा माँ के पास रहता है, तो उसे प्यार, देखभाल और सही पालन मिलता है, माँ को भी लगता है कि समाज उसकी जिम्मेदारी और मेहनत को समझ रहा है, जिससे उसे सम्मान और सुरक्षा महसूस होती है।
आर्थिक रूप से: ये छुट्टी सैलरी के साथ मिलती है, यानी छुट्टी के समय भी पैसे मिलते रहते हैं। इससे घर की आमदनी पर कोई असर नहीं आता और माँ को नौकरी छोड़ने की फ़िक्र या टेंशन नहीं होती। और बाद में वो सही से ठीक होने के बाद आराम से दोबारा अपने काम पर लौट सकती है, और खुद में भरोसा और आत्मविश्वास भी बना रहता है।
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